UP Board 12th Class Physics NCERT Hindi Medium Solution Chapter - 14 Semiconductor Electronics: Materials, Devices and Simple Circuits (अर्द्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी: पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ)
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Exercise
प्रश्न 1:
किसी प्रकार के सिलिकॉन में निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकथन सत्य है?
(a) इलेक्ट्रॉन बहुसंख्यक वाहक हैं और त्रिसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
(b) इलेक्ट्रॉन अल्पसंख्यक वाहक हैं और पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
(c) होल (विवर) अल्पसंख्यक वाहक हैं और पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
(d) होल (विवर) बहुसंख्यक वाहक हैं और त्रिसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
उत्तर:
(c) प्रकथन सत्य है।
किसी प्रकार के सिलिकॉन में निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकथन सत्य है?
(a) इलेक्ट्रॉन बहुसंख्यक वाहक हैं और त्रिसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
(b) इलेक्ट्रॉन अल्पसंख्यक वाहक हैं और पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
(c) होल (विवर) अल्पसंख्यक वाहक हैं और पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
(d) होल (विवर) बहुसंख्यक वाहक हैं और त्रिसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
उत्तर:
(c) प्रकथन सत्य है।
प्रश्न 2:
प्रश्न 1 में दिए गए कथनों में से कौन-सी p-प्रकार के अर्द्धचालकों के लिए सत्य है?
उत्तर:
(d) प्रकथन सत्य है।
प्रश्न 1 में दिए गए कथनों में से कौन-सी p-प्रकार के अर्द्धचालकों के लिए सत्य है?
उत्तर:
(d) प्रकथन सत्य है।
प्रश्न 3:
कार्बन, सिलिकॉन और जर्मोनियम, प्रत्येक में चार संयोजक इलेक्ट्रॉन हैं। इनकी विशेषता ऊर्जा बैड अन्तराल द्वारा पृथक्कृत संयोजकता और चालन बैंड द्वारा दी गई हैं, जो क्रमशः
(Eg)c, (Eg)s; तथां (Eg) Ge के बराबर हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकथन सत्य है?
(a) (Eg)si <(Eg) Ge <(Eg)c
(b) (Eg)c <(Eg) Ge > (Eg)st
(c) (Eg)c > (Eg)s >(Eg) Ge
(d) (Eg)c = (Eg)si = (Eg)Ge
उत्तर:
चालन बैंड तथा संयोजकता बैंड के बीच ऊर्जा अन्तराल कार्बन के लिए सबसे अधिक, सिलिकॉन के लिए उससे कम तथा जर्मेनियम के लिए सबसे कम होता है; अतः (c) प्रकथन सत्य है।
कार्बन, सिलिकॉन और जर्मोनियम, प्रत्येक में चार संयोजक इलेक्ट्रॉन हैं। इनकी विशेषता ऊर्जा बैड अन्तराल द्वारा पृथक्कृत संयोजकता और चालन बैंड द्वारा दी गई हैं, जो क्रमशः
(Eg)c, (Eg)s; तथां (Eg) Ge के बराबर हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकथन सत्य है?
(a) (Eg)si <(Eg) Ge <(Eg)c
(b) (Eg)c <(Eg) Ge > (Eg)st
(c) (Eg)c > (Eg)s >(Eg) Ge
(d) (Eg)c = (Eg)si = (Eg)Ge
उत्तर:
चालन बैंड तथा संयोजकता बैंड के बीच ऊर्जा अन्तराल कार्बन के लिए सबसे अधिक, सिलिकॉन के लिए उससे कम तथा जर्मेनियम के लिए सबसे कम होता है; अतः (c) प्रकथन सत्य है।
प्रश्न 4:
बिना बायस p-n सन्धि में, होल क्षेत्र में n-क्षेत्र की ओर विसरित होते हैं, क्योंकि
(a) n-क्षेत्र में मुक्त इलेक्ट्रॉन उन्हें आकर्षित करते हैं।
(b) ये विभवान्तर के कारण सन्धि के पार गति करते हैं।
(c) p-क्षेत्र में होल-सान्द्रता, n-क्षेत्र में उनकी सान्द्रता से अधिक है।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(c) प्रकथन सत्य है।
बिना बायस p-n सन्धि में, होल क्षेत्र में n-क्षेत्र की ओर विसरित होते हैं, क्योंकि
(a) n-क्षेत्र में मुक्त इलेक्ट्रॉन उन्हें आकर्षित करते हैं।
(b) ये विभवान्तर के कारण सन्धि के पार गति करते हैं।
(c) p-क्षेत्र में होल-सान्द्रता, n-क्षेत्र में उनकी सान्द्रता से अधिक है।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(c) प्रकथन सत्य है।
प्रश्न 5:
जब p- n सन्धि पर अग्रदिशिक बायस अनुप्रयुक्त किया जाता है, तब यह
(a) विभव रोधक बढ़ाता है।
(b) बहुसंख्यक वाहक धारा को शून्य कर देता है।
(c) विभव रोधक को कम कर देता है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) प्रकथन सत्य है।
जब p- n सन्धि पर अग्रदिशिक बायस अनुप्रयुक्त किया जाता है, तब यह
(a) विभव रोधक बढ़ाता है।
(b) बहुसंख्यक वाहक धारा को शून्य कर देता है।
(c) विभव रोधक को कम कर देता है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) प्रकथन सत्य है।
प्रश्न 6. ट्रांजिस्टर की क्रिया हेतु निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं
(a) आधार, उत्सर्जक और संग्राहक क्षेत्रों की आमाप और अपमिश्रण सान्द्रता समान होनी चाहिए।
(b) आधार क्षेत्र बहुत बारीक और कम अपमिश्रित होना चाहिए।
(c) उत्सर्जक सन्धि अग्रदिशिक बायस है और संग्राहक सन्धि पश्चदिशिक बायस है।
(d) उत्सर्जक सन्धि संग्राहक सन्धि दोनों ही अग्रदिशिक बायस हैं।
उत्तर:
(b) तथा (c) प्रकथन सत्य हैं।
(a) आधार, उत्सर्जक और संग्राहक क्षेत्रों की आमाप और अपमिश्रण सान्द्रता समान होनी चाहिए।
(b) आधार क्षेत्र बहुत बारीक और कम अपमिश्रित होना चाहिए।
(c) उत्सर्जक सन्धि अग्रदिशिक बायस है और संग्राहक सन्धि पश्चदिशिक बायस है।
(d) उत्सर्जक सन्धि संग्राहक सन्धि दोनों ही अग्रदिशिक बायस हैं।
उत्तर:
(b) तथा (c) प्रकथन सत्य हैं।
प्रश्न 7:
किसी ट्रांजिस्टर प्रवर्धक के लिए वोल्टता लब्धि
(a) सभी आवृत्तियों के लिए समान रहती है।
(b) उच्च और निम्न आवृत्तियों पर उच्च होती है तथा मध्य आवृत्ति परिसर में अचर रहती है।
(e) उच्च और निम्न आवृत्तियों पर कम होती है और मध्य आवृत्तियों पर अचर रहती है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) प्रकथन सत्य है।
किसी ट्रांजिस्टर प्रवर्धक के लिए वोल्टता लब्धि
(a) सभी आवृत्तियों के लिए समान रहती है।
(b) उच्च और निम्न आवृत्तियों पर उच्च होती है तथा मध्य आवृत्ति परिसर में अचर रहती है।
(e) उच्च और निम्न आवृत्तियों पर कम होती है और मध्य आवृत्तियों पर अचर रहती है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) प्रकथन सत्य है।
प्रश्न 8:
अर्द्ध-तरंगी दिष्टकरण में, यदि निवेश आवृत्ति 50Hz है तो निर्गम आवृत्ति क्या है? समान निवेश आवृत्ति हेतु पूर्ण तरंग दिष्टकारी की निर्गम आवृत्ति क्या है? उत्तर:
अर्द्ध-तरंग दिष्टकारी के लिए निर्गम आवृत्ति 50Hz ही रहेगी परन्तु पूर्ण-तरंग दिष्टकारी के लिए निर्गम आवृत्ति दोगुनी अर्थात् 100 Hz होगी।
अर्द्ध-तरंगी दिष्टकरण में, यदि निवेश आवृत्ति 50Hz है तो निर्गम आवृत्ति क्या है? समान निवेश आवृत्ति हेतु पूर्ण तरंग दिष्टकारी की निर्गम आवृत्ति क्या है? उत्तर:
अर्द्ध-तरंग दिष्टकारी के लिए निर्गम आवृत्ति 50Hz ही रहेगी परन्तु पूर्ण-तरंग दिष्टकारी के लिए निर्गम आवृत्ति दोगुनी अर्थात् 100 Hz होगी।
प्रश्न 9:
उभयनिष्ठ उत्सर्जक (CE-ट्रांजिस्टर) प्रवर्धक हेतु, 2Ω के संग्राहक प्रतिरोध के सिरों पर ध्वनि वोल्टता 2V है। मान लीजिए कि ट्रांजिस्टर का धारा प्रवर्धन गुणक 100 है। यदि आधार प्रतिरोध 1kΩ है तो निवेश संकेत (signal) वोल्टता और आधार धारा परिकलित कीजिए।
हल:

उभयनिष्ठ उत्सर्जक (CE-ट्रांजिस्टर) प्रवर्धक हेतु, 2Ω के संग्राहक प्रतिरोध के सिरों पर ध्वनि वोल्टता 2V है। मान लीजिए कि ट्रांजिस्टर का धारा प्रवर्धन गुणक 100 है। यदि आधार प्रतिरोध 1kΩ है तो निवेश संकेत (signal) वोल्टता और आधार धारा परिकलित कीजिए।
हल:

प्रश्न 10:
एक के पश्चात् एक श्रेणीक्रम सोपानित में दो प्रवर्धक संयोजित किए गए हैं। प्रथम प्रवर्धक की वोल्टता लब्धि 10 और द्वितीय की वोल्टता लब्धि 20 है। यदि निवेश संकेत 0.01 वोल्ट | है तो निर्गम प्रत्यावर्ती संकेत का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ A1 = 10 तथा A2 = 20 Vi = 0.01 वोल्ट
अतः कुल वोल्टता लाभ A = A1 x A2 = 10 x 20 = 200
परन्तु A =
⇒ निर्गत वोल्टता V0 = A x Vi
V0 = (200 x 0.01) वोल्टे = 2 वोल्ट
एक के पश्चात् एक श्रेणीक्रम सोपानित में दो प्रवर्धक संयोजित किए गए हैं। प्रथम प्रवर्धक की वोल्टता लब्धि 10 और द्वितीय की वोल्टता लब्धि 20 है। यदि निवेश संकेत 0.01 वोल्ट | है तो निर्गम प्रत्यावर्ती संकेत का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ A1 = 10 तथा A2 = 20 Vi = 0.01 वोल्ट
अतः कुल वोल्टता लाभ A = A1 x A2 = 10 x 20 = 200
परन्तु A =
V0 = (200 x 0.01) वोल्टे = 2 वोल्ट
प्रश्न 11:
कोई p-n फोटोडायोड 2.8eV बैंड अन्तराल वाले अर्द्धचालक से संविरचित है। क्या यह 6000 nm की तरंगदैर्ध्य का संसूचन कर सकता है?
हल:
λ = 6000 nm = 6000 x 10-9 मी तरंगदैर्घ्य के संगत फोटॉन की ऊर्जा

= 3.3 x 10-20 जूल
= (3.3 x 10-20 1.6 x 10-19) eV
≈ 0.2 eV
यह फोटॉन ऊर्जा (0.2 eV) बैण्ड रिक्ति (28eV) से काफी कम है। अतः फोटो डायोड दी गयी तरंगदैर्घ्य का संसूचन नहीं कैर सकता है।
कोई p-n फोटोडायोड 2.8eV बैंड अन्तराल वाले अर्द्धचालक से संविरचित है। क्या यह 6000 nm की तरंगदैर्ध्य का संसूचन कर सकता है?
हल:
λ = 6000 nm = 6000 x 10-9 मी तरंगदैर्घ्य के संगत फोटॉन की ऊर्जा

= 3.3 x 10-20 जूल
= (3.3 x 10-20 1.6 x 10-19) eV
≈ 0.2 eV
यह फोटॉन ऊर्जा (0.2 eV) बैण्ड रिक्ति (28eV) से काफी कम है। अतः फोटो डायोड दी गयी तरंगदैर्घ्य का संसूचन नहीं कैर सकता है।
अतिरिक्त अभ्यास
प्रश्न 12:
सिलिकॉन परमाणुओं की संख्या 5 x 1028 प्रति m3 है। यह साथ ही साथ आर्सेनिक के 5 x 1022 परमाणु प्रति m3 और इंडियम के 5 x 1020 परमाणु प्रति m3 से अपमिश्रित किया गया है। इलेक्ट्रॉन और होल की संख्या का परिकलन कीजिए। दिया है क ni = 1.5 x 1016 m-3 दिया गया पदार्थ n-प्रकार का है या p-प्रकार का?
हल:
यहाँ दाता परमाणुओं की सान्द्रता ND = 5 x 1022 m-3
ग्राही परमाणुओं की सान्द्रत NA = 5 x 1020 m-3
= 0.05 x 1022 m-3
नैज वाहक सान्द्रता ni = 1.5 x 1016 m-3
नैज परमाणु सान्द्रता N = 5 x 1028 m-3
माना अर्द्धचालक में होलों तथा मुक्त इलेक्ट्रॉनों की सान्द्रता क्रमशः nh तथा ne है।
अब ND – NA = (5 – 0.05) x 1022 = 4.95 x 1042 m-3
अर्द्धचालक की विद्युत उदासीनता के लिए


स्पष्ट है कि ne >> nh अतः इस अर्द्धचालक में इलेक्ट्रॉन बहुसंख्यक आवेश वाहक हैं तथा होल अल्पसंख्यक आवेश वाहक हैं।
इससे ज्ञात होता है कि यह n-प्रकार का अर्द्धचालक है।
सिलिकॉन परमाणुओं की संख्या 5 x 1028 प्रति m3 है। यह साथ ही साथ आर्सेनिक के 5 x 1022 परमाणु प्रति m3 और इंडियम के 5 x 1020 परमाणु प्रति m3 से अपमिश्रित किया गया है। इलेक्ट्रॉन और होल की संख्या का परिकलन कीजिए। दिया है क ni = 1.5 x 1016 m-3 दिया गया पदार्थ n-प्रकार का है या p-प्रकार का?
हल:
यहाँ दाता परमाणुओं की सान्द्रता ND = 5 x 1022 m-3
ग्राही परमाणुओं की सान्द्रत NA = 5 x 1020 m-3
= 0.05 x 1022 m-3
नैज वाहक सान्द्रता ni = 1.5 x 1016 m-3
नैज परमाणु सान्द्रता N = 5 x 1028 m-3
माना अर्द्धचालक में होलों तथा मुक्त इलेक्ट्रॉनों की सान्द्रता क्रमशः nh तथा ne है।
अब ND – NA = (5 – 0.05) x 1022 = 4.95 x 1042 m-3
अर्द्धचालक की विद्युत उदासीनता के लिए


स्पष्ट है कि ne >> nh अतः इस अर्द्धचालक में इलेक्ट्रॉन बहुसंख्यक आवेश वाहक हैं तथा होल अल्पसंख्यक आवेश वाहक हैं।
इससे ज्ञात होता है कि यह n-प्रकार का अर्द्धचालक है।
प्रश्न 13:
किसी नैज अर्द्धचालक में ऊर्जा अन्तराल Eg का मान 1.2 eV है। इसकी होल गतिशीलता इलेक्ट्रॉन गतिशीलता की तुलना में काफी कम है तथा ताप पर निर्भर नहीं है। इसकी 600 K तथा 300 K पर चालकताओं का क्या अनुपात है? यह मानिए की नैज वाहक सान्द्रता n की ताप निर्भरता इस प्रकार व्यक्त होती है

जहाँ n0 एक स्थिरांक है।
हल:
नैज अर्द्धचालक को ऊर्जा अन्तराल E = 1.2 eV
तथा परमताप T1 = 600K व T2 = 300K
माना उक्त तापों पर अर्द्धचालक की चालकताएँ क्रमशः σ1 वे σ2
अर्द्धचालक की चालकता निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्राप्त होती है
σ = [neμe + nhμh}]
जहाँ μe तथा μh क्रमशः इलेक्ट्रॉनों तथा होलों की गतिशीलताएँ हैं।


किसी नैज अर्द्धचालक में ऊर्जा अन्तराल Eg का मान 1.2 eV है। इसकी होल गतिशीलता इलेक्ट्रॉन गतिशीलता की तुलना में काफी कम है तथा ताप पर निर्भर नहीं है। इसकी 600 K तथा 300 K पर चालकताओं का क्या अनुपात है? यह मानिए की नैज वाहक सान्द्रता n की ताप निर्भरता इस प्रकार व्यक्त होती है

जहाँ n0 एक स्थिरांक है।
हल:
नैज अर्द्धचालक को ऊर्जा अन्तराल E = 1.2 eV
तथा परमताप T1 = 600K व T2 = 300K
माना उक्त तापों पर अर्द्धचालक की चालकताएँ क्रमशः σ1 वे σ2
अर्द्धचालक की चालकता निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्राप्त होती है
σ = [neμe + nhμh}]
जहाँ μe तथा μh क्रमशः इलेक्ट्रॉनों तथा होलों की गतिशीलताएँ हैं।


प्रश्न 14:
किसी p-n सन्धि डायोड में धारी I को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है

जहाँ I0 को उत्क्रमित संतृप्त धारा कहते हैं, V डायोड के सिरों पर वोल्टता है तथा यह अग्रदिशिक बायस के लिए धनात्मक तथा पश्चदिशिक बायस के लिए ऋणात्मक है। V डायोड से प्रवाहित धारा है, KB बोल्ट्जमान नियतांक (8.6 x 10-5 eV/K) है तथा T परम ताप है। यदि किसी दिए गए डायोड के लिए I0 = 5 x 10-12 A तथा T= 300K है, तब
(a) 0.6 अग्रदिशिक वोल्टता के लिए अग्रदिशिक धारा क्या होगी?
(b) यदि डायोड के सिरों पर वोल्टता को बढ़ाकर 0.7V कर दें तो धारा में कितनी वृ जाएगी?
(c) गतिक प्रतिरोध कितना है?
(d) यदि पश्चदिशिक वोल्टता को 1 से 2V कर दें तो धारा का मान क्या होगा?
हल:
दिया है, KB = 8.6 x 10-5 eCK-1 = 1.6 x 10-19 x 86 x 10-5 JK-1
I0 = 5 x 10-12A, T = 300K
(a) V= + 0.6V के लिए अग्र धारा I = ?
अभीष्ट धारा



अतः उत्क्रम वोल्टता के लिए धारा उत्क्रमित संतृप्त धारा के बराबर बनी रहती है।
इससे ज्ञात होता है कि पश्चदिशिक बायस के लिए डायोड का गतिक प्रतिरोध अनन्त होता है।
किसी p-n सन्धि डायोड में धारी I को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है

जहाँ I0 को उत्क्रमित संतृप्त धारा कहते हैं, V डायोड के सिरों पर वोल्टता है तथा यह अग्रदिशिक बायस के लिए धनात्मक तथा पश्चदिशिक बायस के लिए ऋणात्मक है। V डायोड से प्रवाहित धारा है, KB बोल्ट्जमान नियतांक (8.6 x 10-5 eV/K) है तथा T परम ताप है। यदि किसी दिए गए डायोड के लिए I0 = 5 x 10-12 A तथा T= 300K है, तब
(a) 0.6 अग्रदिशिक वोल्टता के लिए अग्रदिशिक धारा क्या होगी?
(b) यदि डायोड के सिरों पर वोल्टता को बढ़ाकर 0.7V कर दें तो धारा में कितनी वृ जाएगी?
(c) गतिक प्रतिरोध कितना है?
(d) यदि पश्चदिशिक वोल्टता को 1 से 2V कर दें तो धारा का मान क्या होगा?
हल:
दिया है, KB = 8.6 x 10-5 eCK-1 = 1.6 x 10-19 x 86 x 10-5 JK-1
I0 = 5 x 10-12A, T = 300K
(a) V= + 0.6V के लिए अग्र धारा I = ?
अभीष्ट धारा



अतः उत्क्रम वोल्टता के लिए धारा उत्क्रमित संतृप्त धारा के बराबर बनी रहती है।
इससे ज्ञात होता है कि पश्चदिशिक बायस के लिए डायोड का गतिक प्रतिरोध अनन्त होता है।
प्रश्न 15:
आपको चित्र 14.1 में दो परिपथ दिए गए हैं। यह दर्शाइए कि परिपथ (a) OR गेट की भाँति व्यवहार करता है जबकि परिपथ (b) AND गेट की भाँति कार्य करता है।

हल:
चित्र 14.1(a) में पहला गेट NOR गेट है तथा इसके निर्गम ४’ को दूसरे गेट (NOT गेट) का निवेश बनाया गया है जिसका निर्गम Y है। अतः इसकी सत्यता सारणी निम्न प्रकार लिखी जा सकती है

यहाँ से स्पष्ट है Y = A + B
अतः दिया गया परिपथ (a) OR गेट की भाँति कार्य करेगा।
चित्र 14.1 (b) में दो NOT गेटों के निर्गमों को NOR गेट के निवेश बनाये गये हैं जिसका निर्गम Y है। अतः इसकी सत्यता सारणी निम्न प्रकार लिखी जा सकती है

यहाँ से स्पष्ट है कि Y = A : B, अत: दिया गया परिपथ (b) AND गेट की भाँति कार्य करेगा।
आपको चित्र 14.1 में दो परिपथ दिए गए हैं। यह दर्शाइए कि परिपथ (a) OR गेट की भाँति व्यवहार करता है जबकि परिपथ (b) AND गेट की भाँति कार्य करता है।

हल:
चित्र 14.1(a) में पहला गेट NOR गेट है तथा इसके निर्गम ४’ को दूसरे गेट (NOT गेट) का निवेश बनाया गया है जिसका निर्गम Y है। अतः इसकी सत्यता सारणी निम्न प्रकार लिखी जा सकती है

यहाँ से स्पष्ट है Y = A + B
अतः दिया गया परिपथ (a) OR गेट की भाँति कार्य करेगा।
चित्र 14.1 (b) में दो NOT गेटों के निर्गमों को NOR गेट के निवेश बनाये गये हैं जिसका निर्गम Y है। अतः इसकी सत्यता सारणी निम्न प्रकार लिखी जा सकती है

यहाँ से स्पष्ट है कि Y = A : B, अत: दिया गया परिपथ (b) AND गेट की भाँति कार्य करेगा।
प्रश्न 16:
नीचे दिए गए चित्र 14.2 में संयोजित NAND गेट संयोजित परिपथ की सत्यमान सारणी बनाइए।

अतः इस परिपथ द्वारा की जाने वाली यथार्थ तर्क संक्रिया का अभिनिर्धारण कीजिए।
हल:
यहाँ NAND गेट के दोनों निवेशी टर्मिनल एक साथ जोड़ दिये गये हैं। इस प्रकार एक निवेश के लिए एक ही निर्गम Y है। अतः दिए गये परिपथ की सत्यता सारणी निम्न प्रकार लिखी जा सकती है

अत: Y = Ā इसलिए दिया गया परिपथ NOT तर्क संक्रिया पर कार्य करेगा।
नीचे दिए गए चित्र 14.2 में संयोजित NAND गेट संयोजित परिपथ की सत्यमान सारणी बनाइए।

अतः इस परिपथ द्वारा की जाने वाली यथार्थ तर्क संक्रिया का अभिनिर्धारण कीजिए।
हल:
यहाँ NAND गेट के दोनों निवेशी टर्मिनल एक साथ जोड़ दिये गये हैं। इस प्रकार एक निवेश के लिए एक ही निर्गम Y है। अतः दिए गये परिपथ की सत्यता सारणी निम्न प्रकार लिखी जा सकती है

अत: Y = Ā इसलिए दिया गया परिपथ NOT तर्क संक्रिया पर कार्य करेगा।
प्रश्न 17:
आपको निम्न चित्र 14.3 में दर्शाए अनुसार परिपथ दिए गए हैं जिनमें NAND गेट जुड़े हैं। इन दोनों परिपथों द्वारा की जाने वाली तर्क संक्रियाओं का अभिनिर्धारण कीजिए।

हल:
चित्र 14.3 (a) में पहला गेट NAND गेट है जिसके निर्गम को NAND गेट से बनाये गये NOT गेट का निर्वेशं बनाया गया है। अतः सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

स्पष्ट है कि निर्गम Y = A : B, अतः दिये गये परिपथ में AND संक्रिया अनुपालित है।
दिये गये चित्र 14.3 (b) में NAND गेटों से बने दो NOT गेटों के निर्गमों को तीसरे NAND गेट का निवेश बनाया गया है। जिसका निर्गम Y है। अतः सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

अतः स्पष्ट है कि यहाँ निर्गम Y = A+ B, अत: दिये गये परिपथ में OR संक्रिया अनुपालित है।
आपको निम्न चित्र 14.3 में दर्शाए अनुसार परिपथ दिए गए हैं जिनमें NAND गेट जुड़े हैं। इन दोनों परिपथों द्वारा की जाने वाली तर्क संक्रियाओं का अभिनिर्धारण कीजिए।

हल:
चित्र 14.3 (a) में पहला गेट NAND गेट है जिसके निर्गम को NAND गेट से बनाये गये NOT गेट का निर्वेशं बनाया गया है। अतः सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

स्पष्ट है कि निर्गम Y = A : B, अतः दिये गये परिपथ में AND संक्रिया अनुपालित है।
दिये गये चित्र 14.3 (b) में NAND गेटों से बने दो NOT गेटों के निर्गमों को तीसरे NAND गेट का निवेश बनाया गया है। जिसका निर्गम Y है। अतः सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

अतः स्पष्ट है कि यहाँ निर्गम Y = A+ B, अत: दिये गये परिपथ में OR संक्रिया अनुपालित है।
प्रश्न 18:
चित्र 14.4 में दिए गए NOR गेट युक्त परिपथ की सत्यमान सारणी लिखिए और इस परिपथ द्वारा अनुपालित तर्क संक्रियाओं (OR, AND, NOT) को अभिनिर्धारित कीजिए। (संकेत : A = 0, B=1 तब दूसरे NOR गेट के निवेश A और B, 0 होंगे और इस प्रकार Y = 1 होगा। इसी प्रकार A और B के दूसरे संयोजनों के लिएY के मान प्राप्त कीजिए। OR, AND, NOT द्वारों की सत्यमान सारणी से तुलना कीजिए और सही विकल्प प्राप्त कीजिए।)

हल:
पहला गेट NOR गेट है तथा दूसरा गेट भी NOR गेट है जिसके दोनों निवेशी सिगनलों को एक साथा जोड़ा गया है। पहले गेट का निर्गम दूसरे गेट का निवेश बनाया गया है। अत: सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

यहाँ से स्पष्ट है कि Y =
= A+B, अतः दिया गया परिपथ OR संक्रिया अनुपालित करेगा।
चित्र 14.4 में दिए गए NOR गेट युक्त परिपथ की सत्यमान सारणी लिखिए और इस परिपथ द्वारा अनुपालित तर्क संक्रियाओं (OR, AND, NOT) को अभिनिर्धारित कीजिए। (संकेत : A = 0, B=1 तब दूसरे NOR गेट के निवेश A और B, 0 होंगे और इस प्रकार Y = 1 होगा। इसी प्रकार A और B के दूसरे संयोजनों के लिएY के मान प्राप्त कीजिए। OR, AND, NOT द्वारों की सत्यमान सारणी से तुलना कीजिए और सही विकल्प प्राप्त कीजिए।)

हल:
पहला गेट NOR गेट है तथा दूसरा गेट भी NOR गेट है जिसके दोनों निवेशी सिगनलों को एक साथा जोड़ा गया है। पहले गेट का निर्गम दूसरे गेट का निवेश बनाया गया है। अत: सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

यहाँ से स्पष्ट है कि Y =
प्रश्न 19:
चित्र 14.5 में दर्शाएंगैकवल NOR गेटों से बने परिपथ की सत्यमान सारणी बनाइए। दोनों परिपथों द्वारा अनुपालित तर्क संक्रियाओं (OR, AND, NOT) को अभिनिर्धारित कीजिए।

हल:
चित्र 14.5 (a) में दिया गया परिपथ NOR गेट है जिसके दोनों निवेशी टर्मिनले एक साथ जोड़ दिये गए हैं।
अत: इसकी सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

स्पष्ट है कि Y =
= Ā, अत: दिया गया परिपथ NOT संक्रिया को निरूपित करता है। चित्र 14.5 (b) में NOR गेट से बने दो NOT गेटों द्वारा दोनों निवेशी A व B को उत्क्रम करके उनको तीसरे NOR गेट के निवेश बनाया गया है जिसका निर्गम Y है। अतः सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

यहाँ से स्पष्ट है कि Y =
= A .B, अतः चित्र 14.5 (b) में प्रदर्शित परिपथ AND संक्रिया का अनुपालन करेगा।
चित्र 14.5 में दर्शाएंगैकवल NOR गेटों से बने परिपथ की सत्यमान सारणी बनाइए। दोनों परिपथों द्वारा अनुपालित तर्क संक्रियाओं (OR, AND, NOT) को अभिनिर्धारित कीजिए।

हल:
चित्र 14.5 (a) में दिया गया परिपथ NOR गेट है जिसके दोनों निवेशी टर्मिनले एक साथ जोड़ दिये गए हैं।
अत: इसकी सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

स्पष्ट है कि Y =

यहाँ से स्पष्ट है कि Y =
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